tag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post7710937434698807144..comments2023-05-26T16:44:56.926+05:30Comments on सुव्यवस्था सूत्रधार मंच: तुम मुझे गाय दो, मैं तुम्हे भारत दूंगाUnknownnoreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post-91817480494613338682012-04-19T04:26:31.558+05:302012-04-19T04:26:31.558+05:30har bhartiy ke ghar me gaay honi chahiye. ghar ka ...har bhartiy ke ghar me gaay honi chahiye. ghar ka ek anivarya sadasya.devendra rathod.noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post-10357920768153051282012-01-04T16:01:42.424+05:302012-01-04T16:01:42.424+05:30एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर सराहनीय प्रयास किया ग...एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर सराहनीय प्रयास किया गया है.<br />लेख कुछ लंबा हो गया है.<br />विषय वस्तुनिष्ठ रहता तो और अच्छा रहता.<br />प्रयास जारी रखिए.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02803999842769211135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post-32823829765654861222011-11-29T16:08:49.841+05:302011-11-29T16:08:49.841+05:30gaay aur kutte par behas kaaeh chhid gai. kutta ek...gaay aur kutte par behas kaaeh chhid gai. kutta ek jaanwar hae gaay ham hinduon ki maa heAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post-8435604631867051292011-08-07T22:39:20.235+05:302011-08-07T22:39:20.235+05:30गाय के शरीर में देवताओं का वास व पैरों में तीर्थ स...गाय के शरीर में देवताओं का वास व पैरों में तीर्थ स्थल होता है। महंत जी ने कहा कि जब कोई भी मनुष्य गऊ माता की धुली को अपने माथे पर लगाता है तो उसे तत्काल किसी तीर्थ स्थल के जल में स्नान करने जितना पुण्य प्राप्त होता है और सफलता उसके कदम चूमती है। जहां पर गाय रहती है वह स्थान पवित्र होकर तीर्थ स्थल के समान हो जाता है। ऐसी भूमि पर प्राण त्यागने वाला इंसान तुरन्त मुक्ति प्राप्त करता है। गाय ही भूत और भविष्य है। ये सदा रहने वाली पुष्टि का कारण व लक्ष्मी की जड है। गौ माता को जो कुछ दिया जाता है उसका पुण्य कभी नष्ट नहीं होता जो लोग गो दान करते हैं वे समस्त संकटों से मुक्त होकर दुष्कर्मो के पाप समूह से भी तर जाते हैं।<br />गाय के सींगो के अग्र भाग में देवराज इंद्र, हृदय में कार्तिकेय, सिर में ब्रह्मा और ललाट में शंकर, दोनों नेत्रों में चंद्रमा और सूर्य, जीभ में सरस्वती, दांतो में मरुद्गण, स्तनों में चारों पवित्र समुद्र, गोमूत्र में गंगा, गोबर में लक्ष्मी व खुरों के अग्र भाग में अप्सराए निवास करती है। उन्होंने कहा कि गाय के सींगो में चर व अचर सभी तीर्थ विद्यमान है। ललाट में देवी पार्वती व हुंकार में भगवती सरस्वती का वास है। गालों में यम व यक्ष निवास करते हैं।diliphttps://www.blogger.com/profile/18162960354288370821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post-74135416509493216292011-07-31T17:11:06.949+05:302011-07-31T17:11:06.949+05:30शत-प्रतिशत सहमत! आशा है, जल्दी ही देश में एक ऐसी स...शत-प्रतिशत सहमत! आशा है, जल्दी ही देश में एक ऐसी सरकार बनेगी, जो पूरी तरह "भारतीय" होगी...जयदीप शेखरhttps://www.blogger.com/profile/18291254457561315778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post-10580347131290248702011-07-30T10:17:40.552+05:302011-07-30T10:17:40.552+05:30आदरणीय अनवर जमाल जी , इस लेख में कोई संपादन नहीं क...आदरणीय अनवर जमाल जी , इस लेख में कोई संपादन नहीं किया गया है |अंकित कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/02401207097587117827noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post-71590798172041421932011-07-30T10:15:03.645+05:302011-07-30T10:15:03.645+05:30@ आदरणीय दिवस जी ! बुरा तो सुअर भी नहीं होता। हरेक...@ आदरणीय दिवस जी ! बुरा तो सुअर भी नहीं होता। हरेक जानवर का इस प्रकृति में कुछ न कुछ काम ज़रूर है। उनके कामों को जानकर उनसे काम लेने की सलाहियत केवल मानव में है। जहंा जिस जानवर की ज़रूरत हो, वहां उससे काम लेने में कोई हरज नहीं है। मैंने कहा है कि ‘फ़ैशन में कुत्ता पालना ठीक नहीं है‘<br />इससे भी कम व्यय में एक राजस्थानी बकरी पाली जा सकती है जिससे देश का सकल दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा। एक बार जनाब सुनील दत्त साहब का जापान में जाना हुआ तो उन्होंने लौटकर बताया कि हरेक जापानी अपनी छत पर तो अपने घर के लिए सब्ज़ी पैदा करता ही है लेकिन अगर उसे घर के बाहर भी एक अंगुल जगह बीज बोने की मिलती है तो वे उसमें मक्का का बीज बो देते हैं और सभी जापानी यही करते हैं और मात्र इतनी सी बात की वजह से ही वे अपना राष्ट्रीय उत्पादन लाखों कुन्तल अतिरिक्त बढ़ा लेते हैं।<br />जहां शिकार और सुरक्षा की वैधानिक और सामाजिक ज़रूरत हो तो कुत्ता पालना जायज़ है लेकिन सिर्फ़ अपने पैसे और अपने रूतबे को प्रदर्शित करने के लिए ऐसा करना ठीक नहीं है।<br />मैं समझता हूं कि इस बात में किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।<br /><br />...क्या लेख में एडिटिंग करके कुछ अंश हटा दिए गए हैं ?DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post-28730648583798627532011-07-29T22:56:19.734+05:302011-07-29T22:56:19.734+05:30गौ वंश के बारे में बहुत ही सुन्दर तार्किक जानकारी ...गौ वंश के बारे में बहुत ही सुन्दर तार्किक जानकारी आप ने दी..<br />धर्म से इतर भी देखें तो गौवंश कृषि से लेकर दूध खाद इत्यादि में योगदान करता है..दुःख यह है की आजदी से लेकर अब तक प्रति व्यक्ति गौवंश की संख्या लगभग आधी से कम हो गयी है..<br />गौरक्षक दल इस दिशा में सही कार्य कर रहा है हमें उनका सहयोग करके गौवंश में वृद्धि करनी होगी तभी भारतवर्ष का वास्तविक उत्त्थान संभव है...आशुतोष की कलमhttps://www.blogger.com/profile/05182428076588668769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post-9606909335604632972011-07-28T19:25:06.352+05:302011-07-28T19:25:06.352+05:30आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है ..एक अकेली गाय माता...आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है ..एक अकेली गाय माता ही है जो भारत को सामजिक आर्थिक .व् आध्यात्मिक रूप से समृद्ध कर सकती ...आप सभी से अनुरोध है कि इन सरकारों से उमीद टूट चुकी है ..हम सब को ही मिलकर काम करना होगा सब संकल्प लें कि गोऊ आधारित उत्पादों को अपनाएं ...शुरुआत खुद से करेंतरुण भारतीयhttps://www.blogger.com/profile/06484935775975350578noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post-2357619332961362402011-07-28T16:13:20.859+05:302011-07-28T16:13:20.859+05:30संजय भाई, विश्वजीत सिंह जी, डॉ. श्याम गुप्ता जी, ब...संजय भाई, विश्वजीत सिंह जी, डॉ. श्याम गुप्ता जी, बहन रेखा जी, अनवर भाई, अंकित भाई आप सभी का आभारी हूँ| बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने मेरे प्रयासों को सराहा| संजय भाई आपने सही कहा है की आज़ादी के बाद गौ हत्या बंद होनी चाहिए थी, किन्तु सरकार ने हमारे साथ धोखा किया|<br />टिपण्णी लम्बी होने दीजिये, यहाँ लम्बी टिप्पणियाँ वर्जित नहीं हैं| आपके ज्ञान से हमे लाभान्वित होने का अवसर दें|<br />अनवर भाई कुत्ता पालना कोई बुरी बात नहीं है| कुत्ता भी बेचारा एक जीव है| प्रकृति पर उसका भी अधिकार है| गाय पालना अच्छी बात है किन्तु कुत्ता पालना कोई बुरी बात नहीं है| मैं भी कुत्ता पालता हूँ|दिवसhttps://www.blogger.com/profile/07981168953019617780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post-23250645653863875972011-07-28T14:05:00.412+05:302011-07-28T14:05:00.412+05:30दिवस जी इस सुन्दर आलेख को लिखने के लिए कोटिशः अभिन...दिवस जी इस सुन्दर आलेख को लिखने के लिए कोटिशः अभिनन्दन , आप ने गाय और गोवंश के आर्थिक और सामाजिक महत्त्व को बहुत ही सुन्दर और तार्किक तरीके से दिखाया है इस लेख में ,हमें अपने पूर्वजों द्वारा समझे गए इस ज्ञान को पुनः आत्मसात करने की आवश्यकता है |अंकित कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/02401207097587117827noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post-25696141659470108902011-07-27T15:40:37.173+05:302011-07-27T15:40:37.173+05:30आपने सही कहा है कि लोग कुत्ते पाले बैठे हैं फैशन म...आपने सही कहा है कि लोग कुत्ते पाले बैठे हैं फैशन में । देशी गाय की उन्नत नस्ल को पालना चाहिए और जिन लोगों के पास गाय पालने जितनी जगह न हो तो उन्हें भी कुत्ता पालने के बजाय राजस्थानी बकरी पालनी चाहिए । इससे चाहे लाभ भले ही कुछ कम हों लेकिन बहरहाल कुत्ता पालने से तो बेहतर ही है ।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post-17142069485463435452011-07-26T18:02:55.339+05:302011-07-26T18:02:55.339+05:30इतनी उपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारी विस्तारपूर्वक द...इतनी उपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारी विस्तारपूर्वक देने के लिए आप बधाई के पात्र हैं ........पढ़ने का मौका देने के लिए आभाररेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post-84553198433846309872011-07-26T16:51:16.556+05:302011-07-26T16:51:16.556+05:30सुन्दर , सत्य व समीचीन आलेख .....सुन्दर , सत्य व समीचीन आलेख ..... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post-37362984163284326382011-07-25T22:58:54.024+05:302011-07-25T22:58:54.024+05:30आदरणीय दिवस दिनेश गौड जी नमस्कार
गाय माता के संर...आदरणीय दिवस दिनेश गौड जी नमस्कार <br />गाय माता के संरक्षण द्वारा भारत का समृद्ध व सुव्यवस्थित पुनर्निर्माण करने का मार्गदर्शन कराती महत्वपूर्ण पोस्ट ...... आभार । <br />वन्दे गौ मातरम्Bharat Swabhiman Dalhttps://www.blogger.com/profile/03272508118112772215noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1135015360748959650.post-56512985333901912742011-07-25T22:54:38.892+05:302011-07-25T22:54:38.892+05:30गोवंश सदैव से भारतीय धर्म कर्म एंव संस्कृति का मूल...गोवंश सदैव से भारतीय धर्म कर्म एंव संस्कृति का मूलाधार रहा है। कृषि प्रधान देश होने से भारतीय अर्थव्यवस्था का स्त्रोत रहा है। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अमर सैनानियो-लोकमान्य तिलक महामना मालवीय गोखले आदि ने यह घोषणा की थी स्वराज्य मिलते ही गोवध तुरना बंन्द कराया जायगा। उपयुर्क्त नेताओं की घोषणाओ को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता को आशा थी कि अंग्रजी शासन चले जाने के साथ ही साथ गोहत्या का कलंक भी इस देश से मिट जायगा। किन्तु वह आशा फलीभूत नहीं हुई। इसे देश का दुभार्ग्य ही कहा जायगा, की इस गौ माता के इतने सारे फायदे होते हुए भी हम मूक बने बैठे हैं और गाय पालने की बजाये कुत्ते पाले बैठे हैं !<br />टिप्पणी लम्बी हो जाएगी वर्ना लिखने को तो बहुत कुछ है पर खैर एक सार्थक और ज्ञानवर्धक पोस्ट के लिए आभार प्रभु आपको इतना ज्ञान बक्शे कि आप पूरे ब्लॉग जगत को अपने ज्ञान से सोचने पर मजबूर कर दें !संजय राणा https://www.blogger.com/profile/16961732128880151042noreply@blogger.com