आज के एक साल पहले राजीव भाई की पुण्यतिथि पर वर्धा जाने से दो दिन पहले ये लेख मैंने लिखा था॥ इसे आज पुनः इसलिए पोस्ट कर रहा हूँ क्यूकी कल शायद राजीव भाई की पुण्यतिथि पर जो लेख लिखूँ वो कुछ राजीव भाई के आंदोलन को नेतागिरी और व्यक्तिगत प्रसिद्धि की दुकान के रूप मे इस्तेमाल करने वाले समर्थको को अच्छी न लगे॥
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